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टेलीवजन का भारत में विकास कैसे हुआ


टेलीविजन आज के युग में शायद ही कोई ऐसा हो जो टेलीविजन के प्रोग्राम नही देखता हो।इसका जूनून तो तब बड़ जाता हे जब क्रिकेट मैच का आयोजन होता है तो आईये जाने टेलीवजन का इतिहास.....
टेलीविजन का आविष्कार 1944 में अमेरिका के वैज्ञानिक बेयर्ड ने किया था। भारत में सर्वप्रथम टेलीविजन का प्रयोग 15 सितम्बर , 1959 को दिल्ली में दूरदर्शन केन्द्र की स्थापना के साथ हुआ। इसका व्यापक प्रसार 1982 में भारत में आयोजित एशियाड खेलों के आयोजन से हुआ। वर्तमान में दूरदर्शन की पहुँच 86% लोगों तक है जो इसके माध्यम से अपना मनोरंजन करते हैं।
टेलीवजन में कई कंपनी अपने कॉस्टमर को चैनल प्रोवाइड कराती हे।
आजकल गावो में भी डिजिटाईजेशन अनिवार्य हो चूका हे।
प्रसारण की विधियाँ
टेलीविश्ज़न प्रसारण के लिए मुख्य रूप से तीन विधियाँ प्रयोग में लाई जाती हैं-
1. आयन मण्डल से रेडियों तरंगों के परावर्तन द्वारा।
2. सूक्ष्म तरंगों के प्रयोग से कैरियर फ्रीक्वैंसी ट्रान्समिशन विधि द्वारा।
3. रेडियो तरंगों के उपयोग पर
कृत्रिम उपग्रह के माध्यम से।
कार्य प्रणाली
वास्तव में टेलीविश्ज़न प्रणाली द्वारा भेजे गये चित्रों को प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। फोटो इलेक्ट्रानिक प्रभाव के द्वारा बिम्बों की प्रकाश किरणों को विद्युत तरंगों में परिवर्तित कर दिया जाता है। फिर इन्हें सुदूर स्थानों तक प्रसारित किया जाता है। ये तरंगे टेलीविश्ज़न सेट पर फिर चित्रों में बदल जाती हैं। इसी के साथ-साथ रेडियो प्रणाली द्वारा ध्वनि तरंगें भी जाती हैं।

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