Breast cancer (स्तन कैंसर ) का सबसे सरल आयुर्वेदिक उपचार
breast (स्तन) कैंसर का सबसे सरल आयुर्वेदिक उपचार
महिलाओं को आजकल बहुत कैंसर हो रहा है स्तनों में ( Breast मे ) और ये काफी तेजी से बड़ रहा है .. पहले Tumour होता है फिर कैंसर में convert हो जाता है । तो माताओं को बहनों को क्या करना चाहिए !
औषधि है देशी गाय का मूत्र लीजिये (सूती के आठ परत कपड़ो में छान लीजिये ) ,
हल्दी लीजिये और गेंदे के फूल लीजिये । गेंदे के फुल की पीला या नारंगी पंखरियाँ निकलना है, फिर उसमे हल्दी डालकर गाय मूत्र डालकर उसकी चटनी बनानी है।
अब चोट का आकार कितना बढ़ा है उसकी साइज़ के हिसाब से गेंदे के फुल की संख्या तय होगी, माने चोट छोटे एरिया में है तो एक फुल, काफी है चोट बड़ी है तो दो, तीन,चार अंदाज़े से लेना है। इसकी चटनी बनाके इस चटनी को लगाना है जहाँ पर भी बाहर से खुली हुई चोट है जिससे खून निकल जुका है और ठीक नही हो रहा। कितनी भी दावा खा रहे है पर ठीक नही हो रहा, ठीक न होने का एक कारण तो है डाईबेटिस दूसरा कोई जैनेटिक कारण भी हो सकते है।
इसको दिन में कम से कम दो बार लगाना है जैसे सुबह लगाके उसके ऊपर रुई पट्टी बांध दीजिये ताकि उसका असर बॉडी पे रहे; और शाम को जब दुबारा लगायेंगे तो पहले वाला धोना पड़ेगा ! इसको गोमूत्र से ही धोना है डेटोल जैसो का प्रयोग मत करिए, गाय के मूत्र को डेटोल की तरह प्रयोग करे। धोने के बाद फिर से चटनी लगा दे। फिर अगले दिन सुबह कर दीजिये।
गंभीर बीमारियो जैसे मधुमेह,पथरी,अपेण्डिक्स,ब्लड प्रेशर आदि के आयुर्वेद इलाज से जुडी पोस्ट को पड़ने के लिए क्लिक करे...
यह इतना प्रभावशाली है इतना प्रभावशाली है के आप सोच नही सकते देखेंगे तो चमत्कार जैसा लगेगा। यहाँ आप मात्र post पढ़ रहे लेकिन अगर आपने सच मे किया तब आपको इसका चमत्कार पता चलेगा !इस औषधि को हमेशा ताजा बनाके लगाना है। किसीका भी जखम किसी भी औषधि से ठीक नही हो रहा है तो ये लगाइए। जो सोराइसिस गिला है जिसमे खून भी निकलता है, पस भी निकलता है उसके लीजिये भी यह औषधि पूर्णरूप से ठीक कर देती है।
अकसर यह एक्सीडेंट के केस में खूब प्रोयोग होता है क्योंकि ये लगाते ही खून बंद हो जाता है। ऑपरेशन का कोई भी घाव के लिए भी यह सबसे अच्छा औषधि है। गिला एक्जीमा में यह औषधि बहुत काम करता है, जले हुए जखम में भी काम करता है।
NOTE: किसी भी प्रकार का इलाज या दवाई लेने से पूर्व चिकित्सक की सलाह ले।
महिलाओं को आजकल बहुत कैंसर हो रहा है स्तनों में ( Breast मे ) और ये काफी तेजी से बड़ रहा है .. पहले Tumour होता है फिर कैंसर में convert हो जाता है । तो माताओं को बहनों को क्या करना चाहिए !
औषधि है देशी गाय का मूत्र लीजिये (सूती के आठ परत कपड़ो में छान लीजिये ) ,
हल्दी लीजिये और गेंदे के फूल लीजिये । गेंदे के फुल की पीला या नारंगी पंखरियाँ निकलना है, फिर उसमे हल्दी डालकर गाय मूत्र डालकर उसकी चटनी बनानी है।
अब चोट का आकार कितना बढ़ा है उसकी साइज़ के हिसाब से गेंदे के फुल की संख्या तय होगी, माने चोट छोटे एरिया में है तो एक फुल, काफी है चोट बड़ी है तो दो, तीन,चार अंदाज़े से लेना है। इसकी चटनी बनाके इस चटनी को लगाना है जहाँ पर भी बाहर से खुली हुई चोट है जिससे खून निकल जुका है और ठीक नही हो रहा। कितनी भी दावा खा रहे है पर ठीक नही हो रहा, ठीक न होने का एक कारण तो है डाईबेटिस दूसरा कोई जैनेटिक कारण भी हो सकते है।
इसको दिन में कम से कम दो बार लगाना है जैसे सुबह लगाके उसके ऊपर रुई पट्टी बांध दीजिये ताकि उसका असर बॉडी पे रहे; और शाम को जब दुबारा लगायेंगे तो पहले वाला धोना पड़ेगा ! इसको गोमूत्र से ही धोना है डेटोल जैसो का प्रयोग मत करिए, गाय के मूत्र को डेटोल की तरह प्रयोग करे। धोने के बाद फिर से चटनी लगा दे। फिर अगले दिन सुबह कर दीजिये।
गंभीर बीमारियो जैसे मधुमेह,पथरी,अपेण्डिक्स,ब्लड प्रेशर आदि के आयुर्वेद इलाज से जुडी पोस्ट को पड़ने के लिए क्लिक करे...
यह इतना प्रभावशाली है इतना प्रभावशाली है के आप सोच नही सकते देखेंगे तो चमत्कार जैसा लगेगा। यहाँ आप मात्र post पढ़ रहे लेकिन अगर आपने सच मे किया तब आपको इसका चमत्कार पता चलेगा !इस औषधि को हमेशा ताजा बनाके लगाना है। किसीका भी जखम किसी भी औषधि से ठीक नही हो रहा है तो ये लगाइए। जो सोराइसिस गिला है जिसमे खून भी निकलता है, पस भी निकलता है उसके लीजिये भी यह औषधि पूर्णरूप से ठीक कर देती है।
अकसर यह एक्सीडेंट के केस में खूब प्रोयोग होता है क्योंकि ये लगाते ही खून बंद हो जाता है। ऑपरेशन का कोई भी घाव के लिए भी यह सबसे अच्छा औषधि है। गिला एक्जीमा में यह औषधि बहुत काम करता है, जले हुए जखम में भी काम करता है।
NOTE: किसी भी प्रकार का इलाज या दवाई लेने से पूर्व चिकित्सक की सलाह ले।
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