INSPIRING STORY 3 हेलेन किलर
INSPIRING STORY 3 में आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बतायेगे जो अंधी बहरी होने के बाद भी अपनी हिम्मत और सोच के दम पर कला के क्षेत्र में अपना नाम रोशन किया।
हेलेन किलर
हेलेन एडम्स केलर का जन्म 27 जून 1880 कोहुअ था। एक अमेरिकी लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता और आचार्य थीं। वह कला स्नातक की उपाधि अर्जित करने वाली पहली बधिर और दृष्टिहीन थी। ऐनी सुलेवन के प्रशिक्षण में ६ वर्ष की अवस्था से शुरु हुए ४९ वर्षों के साथ में हेलेन सक्रियता और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँची। ऐनी और हेलेन की चमत्कार लगने वाले कहानी ने अनेक फिल्मकारों को आकर्षित किया। हिंदी में २००५ में संजय लीला भंसाली ने इसी कथानक को आधार बनाकर थोड़ा परिवर्तन करते हुए ब्लैक फिल्म बनाई।
गंभीर बीमारियो जैसे मधुमेह,पथरी,अपेण्डिक्स,ब्लड प्रेशर आदि के आयुर्वेद इलाज से जुडी पोस्ट को पड़ने के लिए क्लिक करे...
हेलेन केलर जन्म से ही दृष्टिबाधित और बधिर पैदा नहीं हुई थी। १९ माह की अवस्था में पेट और मस्तिष्क की एक बीमारी ने कम समय के लिए आकर भी उसकी दृष्टि तथा श्रवण शक्ति छीन ली। पेट और मस्तिष्क की यह बीमारी स्कार्लेट ज्वर या मैनिंजाइटिस रही होगी। उस समय वह इशारों के सहारे कुछ बातें कहने में सक्षम थी। आम व्यवहार से संबंधित उसके पास ६० संकेत थे।
मई, 1888 में हेलेन पर्किंस इंस्टिट्यूट फॉर द ब्लाइंड में दाखिल हुई। । १९०० में रैडक्लिफ कॉलेज में प्रवेश लिया। २४ वर्ष की अवस्था में १९०४ में कला स्नातक की डिग्री हासिल करने वाली वह पहली दृष्टिबाधित-बधिर बनीं। ऑस्ट्रिया के दार्शनिक और शिक्षाविशारद विल्हेम यरूशलेम के साथ उनका पत्राचार चलता रहा जिन्होंने पहले-पहल हेलेन की साहित्यिक प्रतिभा को पहचाना।
मैडम क्यूरी,हॉकिन्स,BC CHANDRA आदि प्रेरणादायक व्यक्तियो की कहानिया पड़ने के लिए क्लिक करे...
दूसरों के साथ पारंपरिक संवाद संभव करने के लिए प्रतिबद्ध हेलेन ने ने बातचीत करना सीखा। होठों को स्पर्श कर लोगों की बात समझने का हुनर सीखना उनकी अद्भुत स्पर्श क्षमता का प्रमाण था। केलर ने ब्रेल तथा हाथों के स्पर्श से सांकेतिक भाषा समझने में भी महारथ हासिल कर ली थी।इनकी मृत्यु 1 जून 1968 को हुई।
हेलेन किलर
हेलेन एडम्स केलर का जन्म 27 जून 1880 कोहुअ था। एक अमेरिकी लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता और आचार्य थीं। वह कला स्नातक की उपाधि अर्जित करने वाली पहली बधिर और दृष्टिहीन थी। ऐनी सुलेवन के प्रशिक्षण में ६ वर्ष की अवस्था से शुरु हुए ४९ वर्षों के साथ में हेलेन सक्रियता और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँची। ऐनी और हेलेन की चमत्कार लगने वाले कहानी ने अनेक फिल्मकारों को आकर्षित किया। हिंदी में २००५ में संजय लीला भंसाली ने इसी कथानक को आधार बनाकर थोड़ा परिवर्तन करते हुए ब्लैक फिल्म बनाई।
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हेलेन केलर जन्म से ही दृष्टिबाधित और बधिर पैदा नहीं हुई थी। १९ माह की अवस्था में पेट और मस्तिष्क की एक बीमारी ने कम समय के लिए आकर भी उसकी दृष्टि तथा श्रवण शक्ति छीन ली। पेट और मस्तिष्क की यह बीमारी स्कार्लेट ज्वर या मैनिंजाइटिस रही होगी। उस समय वह इशारों के सहारे कुछ बातें कहने में सक्षम थी। आम व्यवहार से संबंधित उसके पास ६० संकेत थे।
मई, 1888 में हेलेन पर्किंस इंस्टिट्यूट फॉर द ब्लाइंड में दाखिल हुई। । १९०० में रैडक्लिफ कॉलेज में प्रवेश लिया। २४ वर्ष की अवस्था में १९०४ में कला स्नातक की डिग्री हासिल करने वाली वह पहली दृष्टिबाधित-बधिर बनीं। ऑस्ट्रिया के दार्शनिक और शिक्षाविशारद विल्हेम यरूशलेम के साथ उनका पत्राचार चलता रहा जिन्होंने पहले-पहल हेलेन की साहित्यिक प्रतिभा को पहचाना।
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दूसरों के साथ पारंपरिक संवाद संभव करने के लिए प्रतिबद्ध हेलेन ने ने बातचीत करना सीखा। होठों को स्पर्श कर लोगों की बात समझने का हुनर सीखना उनकी अद्भुत स्पर्श क्षमता का प्रमाण था। केलर ने ब्रेल तथा हाथों के स्पर्श से सांकेतिक भाषा समझने में भी महारथ हासिल कर ली थी।इनकी मृत्यु 1 जून 1968 को हुई।
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