APJ ABDUL KALAM ए पी जे अब्दुल कलाम जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य :-
APJ ABDUL KALAM ए पी जे अब्दुल कलाम जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य :-
1. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है।
2.बचपन में अपने पिता को आर्थिक सहयोग देने के लिए अब्दुल कलाम ने घर-घर जाकर अखबार बाँटने का भी कार्य किया।
3. डॉ. कलाम बड़े होकर एक फाइटर जेट पायलट बनना चाहते थे।
4. डॉ. कलाम ने बतौर वैज्ञानिक इसरो(ISRO) के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट एसएलवी-lll- रोहिणी सेटेलाइट पर कार्य किया।
5. कलाम साहब ने डीआरडीओ(DRDO) के अपने कार्यकाल में महत्वपूर्ण मिसाइल कार्यक्रमों और पोखरन न्यूक्लियर परीक्षण पर कार्य किय
6. राष्ट्रपति रहते हुए डॉ. कलाम ने "प्रोवाइडिंग अरबन एमनिटीज़ टु रुरल एरियाज" नामक ट्रस्ट को अपनी सारी जमापूँजी दान करने का निश्चय किया।
7. डॉ. कलाम ने इमारतों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसकी दीवारों पर काँच के टुकड़े लगाए जाने पर ऐतराज जताया था,क्योकिं इससे पक्षियों को बैठने का स्थान नही मिलता।
8. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने एक बार याहू पर यह जानने का प्रयास किया कि आतंकवाद से धरती को कैसे मुक्त किया जा सकता है।
9. कलाम साहब की यह विशेषता थी कि वह जब भी किसी कार्यक्रम में जाते थे तो अपना अभिवादन भाषण स्वयं लिख कर जाते थे और समारोह में अपने लिए विशेष कुर्सी लगाया जाना उन्हें बिल्कुल पंसद नहीं था।
विभिन्न विषयो जैसे ताजमहल,कुत्तो,बिल्ली,मानव शरीर,दिमाग भारत आदि पर रोचक तथ्य जानने के लिए क्लिक करे....
10. भारत में हुए न्यूक्लियर टेस्ट "आपरेशन शक्ति" में डॉ. कलाम न सिर्फ एक मिलिट्री अफसर की तरह रहे,बल्कि सीआइए(CIA) की मजबूत मानवीय गुप्तवार्ता स्त्रोत के लिए "मेजर जनरल पृथ्वीराज" नाम भी रख लिया।
11. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के प्रशंसक पूरे विश्व में मौजूद है। यही वजह है कि यूनाइटेड नेशन(यूएन) ने उनके 79वें जन्मदिवस पर इस दिन को वर्ल्ड स्टूडेन्ट डे (विश्व शिष्य दिवस) घोषित कर दिया।इसके अतिरिक्त डॉ कलाम के स्विट्जरलैण्ड दौरे को सम्मान देते हुए वहाँ की सरकार ने 26 मई को 'विज्ञान दिवस' घोषित कर दिया।
12. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक उच्चकोटी के लेखक भी थे।उनकी पहली किताब "डेवलपमेन्ट्स इन फ्ल्यूड मैकेनिक्स एण्ड स्पेस टेक्नोलॉजी" थी। इसके अलावा उन्होंने इण्डिया 20-20, विंग्स आफ फायर, इग्नाइटेड माइन्ड्स आदि कई सारी किताबें लिखी।
13. डॉ. कलाम का देहांत आज ही के दिन 27 जुलाई 2015 को शिलांग के एक कालेज में व्याख्यान देते समय हृदयघात से हुआ था।
1. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है।
2.बचपन में अपने पिता को आर्थिक सहयोग देने के लिए अब्दुल कलाम ने घर-घर जाकर अखबार बाँटने का भी कार्य किया।
3. डॉ. कलाम बड़े होकर एक फाइटर जेट पायलट बनना चाहते थे।
4. डॉ. कलाम ने बतौर वैज्ञानिक इसरो(ISRO) के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट एसएलवी-lll- रोहिणी सेटेलाइट पर कार्य किया।
5. कलाम साहब ने डीआरडीओ(DRDO) के अपने कार्यकाल में महत्वपूर्ण मिसाइल कार्यक्रमों और पोखरन न्यूक्लियर परीक्षण पर कार्य किय
6. राष्ट्रपति रहते हुए डॉ. कलाम ने "प्रोवाइडिंग अरबन एमनिटीज़ टु रुरल एरियाज" नामक ट्रस्ट को अपनी सारी जमापूँजी दान करने का निश्चय किया।
7. डॉ. कलाम ने इमारतों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसकी दीवारों पर काँच के टुकड़े लगाए जाने पर ऐतराज जताया था,क्योकिं इससे पक्षियों को बैठने का स्थान नही मिलता।
8. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने एक बार याहू पर यह जानने का प्रयास किया कि आतंकवाद से धरती को कैसे मुक्त किया जा सकता है।
9. कलाम साहब की यह विशेषता थी कि वह जब भी किसी कार्यक्रम में जाते थे तो अपना अभिवादन भाषण स्वयं लिख कर जाते थे और समारोह में अपने लिए विशेष कुर्सी लगाया जाना उन्हें बिल्कुल पंसद नहीं था।
विभिन्न विषयो जैसे ताजमहल,कुत्तो,बिल्ली,मानव शरीर,दिमाग भारत आदि पर रोचक तथ्य जानने के लिए क्लिक करे....
10. भारत में हुए न्यूक्लियर टेस्ट "आपरेशन शक्ति" में डॉ. कलाम न सिर्फ एक मिलिट्री अफसर की तरह रहे,बल्कि सीआइए(CIA) की मजबूत मानवीय गुप्तवार्ता स्त्रोत के लिए "मेजर जनरल पृथ्वीराज" नाम भी रख लिया।
11. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के प्रशंसक पूरे विश्व में मौजूद है। यही वजह है कि यूनाइटेड नेशन(यूएन) ने उनके 79वें जन्मदिवस पर इस दिन को वर्ल्ड स्टूडेन्ट डे (विश्व शिष्य दिवस) घोषित कर दिया।इसके अतिरिक्त डॉ कलाम के स्विट्जरलैण्ड दौरे को सम्मान देते हुए वहाँ की सरकार ने 26 मई को 'विज्ञान दिवस' घोषित कर दिया।
12. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक उच्चकोटी के लेखक भी थे।उनकी पहली किताब "डेवलपमेन्ट्स इन फ्ल्यूड मैकेनिक्स एण्ड स्पेस टेक्नोलॉजी" थी। इसके अलावा उन्होंने इण्डिया 20-20, विंग्स आफ फायर, इग्नाइटेड माइन्ड्स आदि कई सारी किताबें लिखी।
13. डॉ. कलाम का देहांत आज ही के दिन 27 जुलाई 2015 को शिलांग के एक कालेज में व्याख्यान देते समय हृदयघात से हुआ था।
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