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Charles Darwin. चार्ल्स डार्विन से जुड़े मजेदार तथ्य

चार्ल्स डार्विन से जुड़े 8 मज़ेदार तथ्य
चार्ल्स डार्विन


चार्ल्स डार्विन एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने क्रमविकास के सिद्धांत को दूनिया के सामने रखा। जीवों में वातावरण और परिस्थितियों के अनुसार या अनुकूलकार्य करने के लिए क्रमिक परिवर्तन तथा इसके फलस्वरूप नई जाति के जीवों की उत्पत्ति को क्रम – विकास या विकासवाद (Evolution) कहते हैं। उनके सोध का आधार मुख्य रूप से 1831 से 1836 में समुद्री जहाज़ HMS बीगल पर उनकी अपने साथियों के साथ समुद्री यात्रा के दौरान इक्टठ्ठे किए आंकड़ो पर आधारित था। इनका जन्म 12 फरवरी 1809 को इंग्लैंड में हुआ था तथा 73 वर्ष की आयु में 19 अप्रैल 1882 को इंग्लैंड में ही इनकी मृत्यु हो गई।
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आपको चार्ल्स डार्विन के जीवन के जुड़े कुछ मज़ेदार तथ्य बताते हैं –
1. डार्विन ने अपने पिता की तरह डॉक्टर बनने के लिए एडिनबर्ग यूनिर्वसिटी में भी दाखिला लिया परन्तु बाद में उन्होंने इस विचार को त्याग दिया। इसके बाद उन्होंने धर्म विज्ञान (Divinity) का अध्ययन शुरू किया जो उनके प्रकिृती विज्ञानी बनने के शौक के लिए ठीक बैठता था।
2. चार्ल्स डार्विन की शादी उनकी चचेरी बहन Emma से हुई थी। दोनो की कुल 10 संताने थी। इनमें से दूसरे बच्चे की दस साल की आयु में, तीसरे की महज 22 दिन में और 10वें की दो साल की आयु में मृत्यु हो गई थी।
3. डार्विन अत्याचारों के घोर विरोधी थे। वह मानवों और जीवों के प्रती बेहद सहानभूति रखते थे। जब वह HMS बीगल पर यात्रा कर रहे थे तब उन्हें गुलाम प्रथा बहुत ही अन्यायपूर्ण लगी। जब वह दक्षिणी अफ्रीका में रूके, तब वहां गुलामों की बुरी हालत देख कर बेहद चौंक गए थे। इसका जिक्र वह अपने यात्रा वृत्तांत में भी करते हैं।
4. जैसा कि हम आपको अब्राहम लिंकन वाली पोस्ट में बता चुके हैं कि लिंकन और डार्विन दोनो का जन्म एक ही दिन 12 फरवरी 1809 को हुआ था। जहाँ डार्विन ने मनुष्य के मस्तिष्क को अज्ञानता के अभिशाप से मुक्त कराया तो वहीं लिकंन ने मनुष्य के शरीर को दासता की बेड़ियों से आजा़दी दिलायी।
5. HMS बीगल जहाज़ के कपतान FitzRoy ने चार्ल्स डार्विन के 25वें जन्मदिन 12 फरवरी 1834 को Tierra Del Fuego (टीएरा डेल फुईगो) के सबसे ऊँचे पहाड़ का नाम डार्विन के ऊपर रखा। Tierra Del Fuego दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के दक्षिण में एक द्वीप समूह का नाम है।
असल में बात यह है एक साल पहले डार्विन और उनके जहाज़ के अन्य साथी Tierra Del Fuego के एक छोटे से द्वीप पर ठहरे हुए थे तभी गलेशीयर से एक बड़ा सा बर्फ का तोदा अलग होकर समुंद्र में जा गिरा, जिससे एक बड़ी लहर पैदा हुई। तभी डार्विन ने तेज़ी से भागकर जहाज़ के boats को किनारे से दूर जाने से बचाया। यदि डार्विन ने ऐसा ना किया होता तो वह और उनके साथी उस टापू पर फस जाते।
सभी को इस मुसीबत से बचाने के लिए FitzRoy ने उस जगह का नाम ‘Darwin Sound’ और Tierra Del Fuego के सबसे ऊँचे पर्वत का नाम ‘Mount Darwin’ रख दिया। इसके सिवाए California, Tasmania और Antarctica में भी एक पर्वत का नाम डार्विन के नाम ऊपर रखा गया है।
6. बीगल जहाज़ की यात्रा समय वे एक छोटे से केबिन के आधे भाग में गुजारा करते थे। उन्हें खोज कार्य के लिए जगह-जगह के पत्ते, लकड़ियाँ, पत्थर और कीड़ों और जीवों की हड्डियां एकत्रित करनी पड़ी। क्योंकि उस समय फोटोग्राफी नही थी इसलिए उन्हें नमूनों को लेबल लगाकर समय-समय पर इंग्लैंड भेजना होता था। उसके लिए उन्हें 10-10 घंटे घोड़सवारी करनी पड़ती और मीलों पैदल चलना पड़ता था।
7. जैसा कि आप जानते हैं डार्विन ने अपने क्रमविकासवाद के सिद्धांत को एक पुस्तक में प्रकाशित किया था जिसे आम तौर पर ‘On the Origin of Species’ कहते हैं। पर इस किताब के पहले 5 editions का नाम ‘On the Origin of Species by means of Natural Selection, or the Praservation of Favoured Races in Struggle for Life’ था। इसका पहला edition चार्ल्स डार्विन की बीगल यात्रा के 20 साल बाद 1859 में छपा था। पहले edition में कुल 1250 copies प्रकाशित की गई थी। इस किताब के 6वें edition में इसका title छोटा करके ‘On the Origin of Species’ कर दिया गया था।
8. जैसा कि हमने ऊपर बताया कि डार्विन ने ‘ऑन द ओरीजिन् आफ् स्पीशीज’ को बीगल यात्रा के 20 साल बाद प्रकाशित किया। इसका पहला कारण तो था कि वह आनन-फानन में इस पुस्तक को नही लिखना चाहते थे और दूसरा कट्टर ईसाईयों का डर। उन्होंने इस किताब की रूप रेखा 1839 में ही बना ली थी। 1842 में उस रूपरेखा पर आधारित 35 पेजों का आलेख तैयार किया जो 1844 में 230 पृष्ठों तक जा पहुँचा। पुस्तक प्रकाशन के लिए तो त्यार थी परंतु अगले 15 सालों तक डार्विन ने इसकी सभी स्थापनाओं, आँकड़ो की बार-बार जाँच की, पुनर्सत्यापव किया।

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